
आज की कॉर्पोरेट लाइफ तेज रफ्तार और चुनौतियों से भरी हुई है। डेडलाइन का दबाव, लंबे मीटिंग्स, स्क्रीन पर लगातार काम और ऑफिस में चलने वाली प्रतिस्पर्धा की वजह से मन जल्दी थक जाता है और जीवन तनाव ग्रस्त हो जाता है। जिसकी वजह से चिड़चिड़ापन, नींद ना आना, एकाग्रता में कमी, मानसिक असंतुलन जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं। ऐसे में विश्व जागृति मिशन की वाइस चेयरपर्सन, डॉ. अर्चिका बता रही हैं कि कैसे छोटे-छोटे माइंडफुलनेस अभ्यास ऑफिस के तनाव से राहत दिला सकते हैं।
ऑफिस में ध्यान और माइंडफुलनेस क्यों जरूरी है?
काम का बोझ, तनाव हर कर्मचारी की कार्य क्षमता पर असर डालता है। जब मन शांत नहीं होता तो वर्क परफॉर्मेंस भी गिरता है। ऐसे में ध्यान और माइंडफुलनेस अभ्यास ऑफिस वातावरण में संतुलन बनाए रखने का आसान साधन होता है।
ऑफिस में कौन से ध्यान करें?
- श्वास ध्यान: अपनी सीट पर सीधा बैठे, आंखें हल्की बंद करें, अपना एक हाथ पेट पर रखें और 5 मिनट तक सांसों के आने-जाने पर एवं पेट के फूलने और वापस पुरानी अवस्था पर आने पर ध्यान केंद्रित करें। इस दौरान हर आती हुई सांस के साथ सकारात्मकता के प्रवेश का और जाती हुई सांस के साथ नकारात्मकता के रिलीज़ का अनुभव करें। यह अभ्यास माइंड को तुरंत शांत करता है और तनाव को कम करता है।
- मिनी मेडिटेशन ब्रेक: लंबे काम के बीच 2 से 3 मिनट के लिए आंखें बंद कर मन को खाली करें, कल्पना करें कि आप ऊर्जावान है, आपका तनाव धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। यह माउंटफुलनेस ब्रेक पूरे दिन संतुलित रखता है।
- त्राटक ध्यान: कंप्यूटर स्क्रीन से कुछ देर का ब्रेक लें, डेस्क पर कोई ऑब्जेक्ट या पेन को रखें, बिना पलक झपकाये इसे 2 से 3 मिनट तक देखें, फिर आंखें बंद कर उसकी छवि को भीतर महसूस करें यह अभ्यास थकान मिटाता है और एकाग्रता बढ़ाता है।
- माइंडफुल विजुलाइजेशन: आराम से अपनी जगह पर बैठें और आसपास होने वाले हर घटनाक्रम, मन मे चलने वाले हर विचार को केवल साक्ष्य भाव से देखें। अर्थात आस पास होने वाले हर इवेंट, मन मे उठने वाले हर विचार को केवल होने दें। उस भाव से बिल्कुल न जुड़े, उससे प्रभावित भी न हों।
- वॉकिंग मेडिटेशन: अपनी जगह से उठें, धीरे-धीरे चलें, हर कदम पर ध्यान दें, मन में दोहराएं- “मैं शांत हूँ, मैं स्थिर हूं।” ब्रेक के दौरान 2 से 3 मिनट तक का यह ध्यान स्ट्रेस घटाता है और मूड बदलने का काम करता है।
माइंडफुलनेस का असली सार यही है कि आप वर्तमान क्षण में पूरे मन से उपस्थित हों, फिर चाहे वह सांस लेना हो या चलना हो, खाना हो या किसी से बात करना। इस प्रकार का अभ्यास आपके ऑफिस जीवन को आसान बना देता है। छोटे-छोटे ब्रेक लेकर किए गए यह माइंडफफुलनेस अभ्यास न केवल तनाव दूर करते हैं बल्कि काम में दक्षता लाते हैं। यह अभ्यास एंडोर्फिन हॉर्मोन रिलीज़ करते हैं जो तुरन्त आपको पॉज़िटिव बना देते हैं इससे आप पुनः ऊर्जावान हो जाते हैं और आपकी क्रिएटिविटी में भी सुधार होता है।